गोपालगंज राजद जिलाध्यक्ष रेयाजुल हक ने कैदी वीरेंद्र यादव की मौत के जांच की उठाई मांग
गोपालगंज: पूर्व मुखिया विरेन्द्र यादव की मौत के लिए जेल प्रशासन पूरी तरह जिम्मेवार है, समय रहते यदि उन्हें सदर अस्पताल लाया जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। उक्त बातें राजद के जिलाध्यक्ष रेयाजुल हक राजू ने आज जिला पदधिकारी को पत्र लिख कर कही है।
रेयाजुल हक राजू ने अपने लिखे पत्र में कहा है कि पूर्व मुखिया की तबियत बिगड़ने के बाद जेल में बंद उनके छोटे भाई सुरेंद्र यादव द्वारा बार बार जेलर अखिलेश कुमार, डॉक्टर आशीष रंजन, कंपाउंडर मिठू प्रसाद और हवलदार प्रमोद कुमार से पूर्व मुखिया को सदर अस्पताल भेजने की विनती करते रहे। पर उनकी बात को अनसुनी करते हुए उन्हें सेल में बंद कर दिया गया।
रेयाजुल हक राजू ने जिलाधिकारी को लिखे पत्र में कहा है कि ज्ञात सूत्रों से पता चला है कि जेल प्रशासन की घोर लापरवाही के कारण पूर्व मुखिया की जेल अस्पताल में ही बेड से गिर कर मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि यदि समय पर जेल प्रशासन द्वारा पूर्व मुखिया को जिला अस्पताल में भेज दिया गया होता तो उनकी जान बच सकती थी। उन्होंने जिलाधिकारी से इस पूरे मामले में जेलर, डॉक्टर, हवलदार और कंपाउडर की भूमिका की जांच कराने की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी करवाई की मांग की है।