गोपालगंज

गोपालगंज में जिला प्रशासन की मनमानी, दर्जनों परिवारों को बेघर करने के लिए थमा दिया नोटिस

गोपालगंज में जिला प्रशासन की मनमानी की वजह से दर्जनों परिवारों को किराये के मकान से निकलने के लिए नोटिस थमा दिया गया है। वही इस नोटिस की वजह से दर्जनों परिवार के लोग अब जाये तो कहा इस पेशोपेश में आ गये है। सबसे हैरानी की बात ये है की जिस भवन को खाली कराने के लिए हथुआ सीओ के द्वारा नोटिस दिया गया है। उस भवन के मालिकाना हक़ को लेकर पहले से मामला पटना हाई कोर्ट में लंबित है और इसी भवन को जिला प्रशासन के द्वारा हथुआ राज को सौपने के लिए भवन को खाली कराने की कवायद की जा रही है। ये है हथुआ का मांझा हाउस न्यू बंगलो। इस भवन में रहने वाले दर्जनों परिवार इन दिनों बरसात के मौसम में पेशोपेश में है की आखिर जाए तो कहा?

दरअसल जिस भवन में दर्जन परिवार करीब 40 वर्षो से रह रहे है। वह जमीन गैर मजरुवा मालियत श्रेणी में आती है। इस जमीन पर मांझागढ़ राजपरिवार के द्वारा वर्षो पूर्व भवन बनाकर उसे किराये पर दे दिया गया था। बाद में यह जमीन सिल्लिंग एक्ट के जरिये बिहार सरकार के अधीन हो गयी। सिल्लिंग एक्ट के जरिये जब भवन बिहार सरकार के अधीन हो गयी। इसको लेकर इस भवन में रह रहे लोगो के मुताबिक वे करीब 40 वर्षो से ज्यादा समय से इस भवन में रहते आ रहे है। मालिकाना हक़ को लेकर मामला पटना हाई कोर्ट में लंबित है। बावजूद इसके इस विवादित जमीन के जीर्णोधार को लेकर हथुआ राज परिवार के द्वारा जिला प्रशासन से निवेदन किया गया था। इस निवेदन के बाद  हथुआ सीओ ने हथुआ राज परिवार को भवन सौपने के लिए इस मकान में रह रहे किरायेदारो को तीन दिनों के अन्दर मकान खाली करने का नोटिस दे दिया गया।

पीड़ित किरायेदार अरविन्द कुमार तिवारी के मुताबिक वे इस मांझा हाउस में वे पीढ़ी दर पीढ़ी रहते आ रहे है। पिछले 6 अगस्त हथुआ सीओ के द्वारा उन्हें यह भवन खाली करने का नोटिस दिया गया है। नोटिस में 13 अगस्त तक भवन को खाली कर देने का आदेश है। जबकि सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश दिया गया है की जो लोग 12 वर्षो से अधिक समय से किसी किरायेदार के यहाँ रह रहे है तो उसको वहा पर स्थायी किया जायेगा।  बाढ़ के मौसम में सरकार लोगो को मदद पहुचाने की कवायद कर रही है। जबकि गोपालगंज जिला प्रशासन इन्हें बेघर करने के लिए नोटिस थमा रही है।

पीड़ित डॉ नागेन्द्र कुमार पाण्डेय के मुताबिक वे इस मांझा हाउस में बीते 50 वर्षो से रहते आ रहे है। उन्हें हथुआ सीओ के द्वारा इस हाउस को खाली करने लिए मकान छोड़ने का निर्देश दिया गया है। जबकि गोपालगंज समाहर्ता के न्यायलय के मुकदमा भी चल रहा है। बावजूद इसके खाली कराने का निर्देश दिया गया है। जिसको लेकर लिखित आवेदन देकर बेघर नहीं करने की अपील की गयी है।

इस मामले में जब हथुआ के सीओ और हथुआ के एसडीएम अनिल कुमार रमण से पूछा गया तो उन्होंने इस मामले में कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

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