गोपालगंज

गोपालगंज में थाने में तैनात चौकीदार ने अपने ही पटीदार को मारपीट कर किया घायल, हुई मौत

गोपालगंज में थाने में तैनात चौकीदार का रसूख उस वक़्त देखने को मिला। जब मारपीट में उसने अपने ही पटीदार को गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल पटीदार को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहा उसकी हालत नाजुक बनी रही। इधर गंभीर रूप से घायल पीडित के परिजन थावे थाना में आरोपी चौकीदार के खिलाफ करवाई की मांग करते रहे। उसके खिलाफ नामजद लिखित आवेदन दिया। लेकिन थावे पुलिस ने कोई कारवाई करना तो दूर पीड़ित परिजनों का प्राथमिकी तक दर्ज करना उचित नहीं समझा और आखिरकार आज रविवार को गंभीर रूप से घायल पीड़ित की इलाज के दौरान मौत हो गयी। मौत के बाद अब पुलिस फर्द बयान दर्ज कर कारवाई की बात कह रही है। मृतक का नाम 36 वर्षीय मुन्ना मांझी है। वह थावे के अमेठी खुर्द का रहने वाला था।

बताया जाता है की मुन्ना मांझी अपने घर के बगल में तीन दिनों पूर्व जमीन पर मिटटी भराई का काम करवा रहा था। इस दौरान उसका पडोसी जसबीर मांझी उर्फ़ जंगबहादुर मांझी ने उसके साथ मारपीट की और धारदार हथियार से उसके ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। हमला करने वाला आरोपी जसबीर मांझी थावे थाना में चौकीदार के पद पर तैनात है। इस हमला के बाद पीड़ित परिजनों ने थावे थाना में कई बार गुहार लगायी। आरोपी चौकीदार को गिरफ्तार करने की मन्नते की, लेकिन पुलिस ने एक न सुनी।

मृतक की बेटी निशा कुमारी के मुताबिक मिटटी भरने को लेकर उसकी माँ और पडोसी से झगडा हुआ था। इसी झगडे को छुड़ाने के लिए उसके पापा गए और उसके पापा पर जसबीर चौकीदार ने जानलेवा हमला कर दिया। चौकीदार के पुरे परिवार के लोगो ने मुन्ना मांझी की बेरहमी से पिटाई की और जानलेवा हमला कर दिया। जिसके बाद उनके द्वारा थावे थाना में गुहार लगायी गयी। लेकिन अबतक कोई करवाई नहीं हुआ। लेकिन जब रविवार को इलाज के दौरान पीड़ित पडोसी मुन्ना मांझी की मौत हो गयी। तब आननफानन में थावे पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

थावे थाना के एसआई एसएस प्रसाद ने बताया कि जसबीर मांझी चौकीदार है। उसके ऊपर जानलेवा हमला करने और हत्या का आरोप है। पीड़ित परिजनों का फर्द बयान किया जा रहा है। फर्द बयान दर्ज करने के बाद आगे की कारवाई की जाएगी।

बहरहाल थावे पुलिस अपनी सफाई में जो भी कहे। लेकिन थाना में गुहार लगाने के बाद भी पीड़ित परिजनों को न्याय मिलना तो दूर उनसे ढंग से बात तक नहीं की जाती है। ऐसे में पीपुल्स फ्रेंडली दावा कितना कारगर है। सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।

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