गोपालगंज में भीषण गर्मी में भी अकीदत से राेजा रख कर खुदा की बंदगी कर रहे है नन्हे रोजेदार
रमजान के महीने को पाक महीना माना जाता है। इसे बरकत का महीना भी कहते हैं। रमजान के महीने में अल्लाह रोजेदारें की इबादत कबुल करता है, वहीं बंदों पर रहमत की बारिश करता है। इलाके में गर्मी की तपीश है। चिलचिलाती धूप में जहां तापमान लगभग 45 से 46 डिग्री पार हो जाने के बावजूद भी अकीदत व हिम्मत के साथ लोग रोजा लगभग 15 से 16 घंटे एहतराम के साथ रख रहे हैं। रोजे के साथ साथ रोजेदार कुरान की तिलावत, पांच वक्त का नमाज व तरावीह की नमाज अदा कर रहे हैं। रमजान का उत्साह हर उम्र वर्ग के लोगों में है। लेकिन, नन्हे बच्चों में इसका उत्साह कुछ ज्यादा ही है। बच्चे रोजाना रोजा रख कर खुदा की बंदगी कर रहे है।
बता दे की गोपालगंज के सिधवलिया बाजार के साबिर हुसैन का पांच वर्षीय पुत्र मोहम्मद आयन जो पिछले दो दिन रोजा रख चुका है।
अयान का चचेरा भाई साकिर हुसैन का पुत्र साहिल राजा जिसका उम्र मात्र सात वर्ष है। जो अलविदा के दिन रोजा रख चुका है। रोजा रखने और कुरान पढ़ने के सम्बंध में आयन का कहना है कि मैं अपने छोटे भाई राफे हसन के दीर्घायु के लिए रोजा रखा हु। आयन कहता है कि आस्था अल्लाह पर है तो भूख प्यास नही लगती है। वही साहिल का कहना है कि मैं अपने दादा मरहूम-इसत्याक अहमद की आत्मा की शांति के लिए रोजा रखा है। साहिल भी बताया कि मैं रोजा के दौरान अपने दादा जी की आत्मा की शांति के लिए मैं भी कुरान पढता हूँ।
इन दोनों नन्हे मुन्हे रोजदारों को रोजा रखने और कुरान पढ़ने की आसपास चर्चा का विषय बना हुआ है।