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प्रधानमंत्री सुनी कानपुर के दो बच्चो की गुहार दिए उनके पिता के बेहतर इलाज के आदेश !

यूपी की औद्योगिक नगरी में पिता की बीमारी से परेशान दो बेटों की दारुण गुहार पर प्रधानमेरि मोदी ने कानपुर जिला प्रशासन को लेटर लिखकर मदद करने को कहा है। कानपुर के सुशांत और तन्मय के पिता को दमे की बेहद गंभीर बिमारी है। इस बिमारी की वजह सांस फुलने और लगातार खासते रहते है। वे दोनों चंदा मांगकर उनका इलाज कर रहे हैं

सुशांत ने 28 जनवरी को पीएम मोदी को लेटर लिखा था। इसमें उसने लिखा- ‘मैं एक गरीब घर से हूं। मेरे पिता सिलाई का काम कर परिवार का पेट भरते हैं। फिलहाल मैं अपने पिता का चंदा कर इलाज करा रहा हूं।” ”मैं, मेरी मां और छोटा भाई पिता के ही सहारे हैं। यदि आप की मदद हो जाएगी तो मेरे पिता का पूरा इलाज हो जाएगा और हम दोनों भाइयों का भविष्य बिगड़ने से बच जाएगा। मेरा पूरा परिवार जीवन भर आपको मानता रहेगा।

घर के बड़े बेटे सुशांत ने बताया, मैं अक्सर टीवी पर मोदी को देखा करता था। देखकर लगा कि वह बहुत अच्छे इंसान हैं और हमेशा दूसरों की मदद करते हैं। ऐसे में मेरे मन में विचार आया कि अब पीएम को अपनी समस्या बताकर उनसे मदद की गुहार लगाई जाए। 28 जनवरी को मोदी के नाम लेटर लिखा, लेकिन उनके ऑफिस का एड्रेस मुझे पता नहीं था। इसके बाद पड़ोस में रहने वाले संतोष कुमार शुक्ला को मैंने लेटर दिखाया। उन्होंने पीएम ऑफिस का पता पूछकर मेरा लेटर पोस्ट कर दिया। बीते 26 फरवरी को पीएम ऑफिस से यहां के डीएम के पास स्पीड पोस्ट से लेटर आया। लेटर में लिखा था कि उर्सला हॉस्पिटल में जाकर सीएमओ से तुरंत बात करें।

डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि बच्चों के पिता का इलाज कराने के लिए पीएमओ से लेटर आया था। हॉस्पिटल के सीएमओ को सरोज का बेहतर इलाज कराने के ऑर्डर दिए गए हैं।

किराये के मकान में रहता है परिवार

कानपुर के नौबस्ता इलाके के संजय गांधी नगर में रहने वाले सरोज मिश्रा सिलाई का काम करते हैं। इनकी फैमिली में पत्नी उषा, बड़ा बेटा सुशांत और छोटा बेटा तन्मय है। सरोज दो साल से अस्थमा की बीमारी से पीड़ित हैं। राज कुमार शर्मा ने बताया कि सरोज मेरे मकान में पिछले 10 साल से किराए पर रह रहे हैं। इनके पास पैसे न होने की वजह से मोहल्ले के लोगों ने चंदा कर उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। 15 दिनों तक ऑक्सीजन लगी रही, जिसमें 30 हजार रुपए खर्च हुए। अभी भी इनकी दवाएं चंदे से ही चल रही हैं।

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