गोपालगंज

गोपालगंज सदर अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही, लाखों रुपए की दवाइयां कूड़े में फेंकी मिली

गोपालगंज सदर अस्पताल जहाँ एक तरह मजबूर और ज़रूरतमंद मरीजो को दवा के लिए दवा दुकानों का रास्ता दिखा जाता है। वहीं दूसरी तरह लाखों रुपए की जीवन रक्षक दवाइयां यूं ही कचरे की तरह फेंक दी जाती हैं। ये दवईया जो सरकार ने गरीब मरीजों के लिए भेजी हैं। राज्य शासन सरकारी अस्पतालों के लिए हर साल करोड़ों रुपए की दवाइयां उपलब्ध कराता है। ये दवाइयां जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त में देनी है, लेकिन हकीकत ये है कि मरीज दवा के लिए भटकते रहते हैं। उन्हें बाहर की दवाइयां लिखी जाती हैं। दूसरी ओर सरकारी तौर पर सप्लाई में मिली दवाइयों को कचरे में फेंक दिया जाता है।

सदर अस्पताल के ओपीडी में पहले तल पर बने पोर्टिकों पर कुछ अजीब तस्वीरें सामने आई । इस दौरान यह हकीकत खुलकर सामने आई। जहां लाखों रुपए की दवाइयां अस्पताल के बाहर कचरे के डब्बे में व यक्ष तत्र फेंकी मिली। इन दवाइयों की एक्सपायरी डेट भी नहीं गुजरी है। इनमें टेनोफोविर ,डिसप्रॉक्सिल ,फ्यूमरेट सहित कई जरूरी दवाइयां शामिल हैं,जिससे एचआइवी के मरीजों के अनमोल जान को बचाया जा सकता है। कचरे की तरह फेंकी गईं लगभग सैकड़ो डब्बे दवाइयों में कई की पैकिंग तक नहीं खुली है। थोक में ये उसी तरह डब्बे में पैक है, जैसी सप्लाई के दौरान थीं। हैरत ये कि इनमें कोई भी दवा एक्सपायरी नहीं हुई है,यानी इन्हें अब भी मरीजों को दिया जा सकता है। इन दवाओं की एक्सपायरी तिथि जुलाई व अगस्त 2020 में हैं।

मिली जानकारी के अनुसार टेनोफोविर डिसप्रॉक्सिल फ्यूमरेट एक प्रकार की एंटी-एचआईवी दवा है। जिसे न्यूक्लियोसाइड रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस इनहिबिटर कहा जाता है। टेनोफोविर का उपयोग एचआईवी संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए अन्य एचआईवी दवाओं के साथ किया जाता है। यह आपके शरीर में एचआईवी की मात्रा को कम करने में मदद करता है ताकि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर तरीके से काम कर सके। यह एचआईवी जटिलताओं जैसे नए संक्रमण, कैंसर होने की आपकी संभावना को कम करता है और आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है। टेनोफोविर न्यूक्लियोटाइड रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस इनहिबिटर के रूप में जानी जाने वाली दवाओं के एक वर्ग से संबंधित है। 2 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों और बच्चों में एचआईवी संक्रमण के उपचार के लिए यूएसएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा दवा को मंजूरी दी गई है।

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