गोपालगंज में कटेया रेफरल अस्पताल के एएनएम को कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित
गोपालगंज में कटेया रेफरल अस्पताल के डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण आए दिन मरीजों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कभी ड्यूटी से डॉक्टर गायब रहते हैं तो कभी डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाइयां अस्पताल में नहीं मिलती हैं। वहीं डॉक्टरों के गायब रहने से नर्स व स्वास्थ्य कर्मी मरीजों व प्रसव के लिए आई महिलाओं का इलाज शुरू कर देते हैं। जिसके कारण मरीजों व प्रसव के लिए आयी महिलाओं के साथ-साथ परिजनों को भी कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती है। इलाज के दौरान प्रसव पीड़ित महिलाओं की स्थिति बिगड़ने लगती है तो उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। उनमें से कई महिलाओं व प्रसव पीड़ा झेल रहे बच्चे की मृत्यु सदर अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो जाती है।
ऐसी ही घटना 9 अप्रैल को मिश्रौली गांव निवासी संजय मंडल की पत्नी मलहरी देवी के साथ घटी। इलाज के लिए अस्पताल में पहुंची गर्भवती महिला मलहरी देवी दिन में 2:20 बजे पहुंची थी। लेकिन वहां डॉक्टर ड्यूटी से नदारद थे। इलाज के अभाव में मलहरी देवी करीब 6 घंटे तक तड़पती रही। लेकिन महिला का इलाज करने कोई भी डॉक्टर नहीं पहुंचा। जिससे महिला की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उसे सदर अस्पताल गोपालगंज रेफर कर दिया गया। जहां मलहरी देवी की मौत हो गई ।
वही इस मामले की शिकायत परिजनों ने डीएम अनिमेष कुमार पराशर से की तो उन्होंने मामले की जांच का निर्देश सिविल सर्जन को दिया।
गुरुवार को मामले की जांच करने पहुंचे सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह ने अस्पताल के सभी कर्मियों से पूछताछ की। उन्होंने जांच में पाया कि गर्भवती महिला जब इलाज के लिए अस्पताल आयी थी। उस समय अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। एएनएम नीलम श्रीवास्तव ने अपने स्तर से गर्भवती महिला का इलाज करना शुरू किया। लेकिन उस समय तक कोई भी डॉक्टर महिला के इलाज के लिए नहीं पहुंचा। छह घंटे बाद महिला की स्थिति नाजुक होने पर उसे सदर अस्पताल गोपालगंज रेफर कर दिया गया। जहां उसकी मौत हो गई ।
वहीं सिविल सर्जन ने कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में एएनएम नीलम श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया।