गोपालगंज

गोपालगंज में विद्यालय में कुव्यवस्था एवं पैसे की वसूली से त्रस्त विद्यार्थियों ने किया नारेबाजी

गोपालगंज में थावे प्रखंड के लक्षवार पंचायत के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय लछवार का लचर कुव्यवस्था और पैसे की वसूली से त्रस्त विद्यालय के विद्यार्थियों ने शनिवार के दिन जमकर हेडमास्टर वीरेन्द्र कुमार राम के विरुद्ध नारेबाजी की।

वर्ग नव के विद्यार्थियों ने आरोप लगाते हुये कहा कि रजिस्ट्रेशन के नाम पर 250 रुपये की जगह शिक्षक द्वारा 320 रुपये की वसुली की गई। विद्यालय में संस्कृत, गणित, हिन्दी, विज्ञान आदी विषयो की पढ़ाई नही हुई है। इसकी जब शिकायत छात्र-छात्रा हेडमास्टर से करते है तो हेडमास्टर डण्डा लेकर खदेड़ते है। विद्यालय में लगभग 900 विद्यार्थी पढ़ाई करते है लेकिन उनके पीने के लिये पानी का व्यवस्था नही है। तीन चापाकल है लेकिन सभी कई माह से  खराब पड़े है। जिसके चलते बचों को स्कूल में पानी नसीब नही होता है। छात्र छात्रा पानी पीने के लिये विद्यालय से 100 गज की दूरी पर स्थित काली माई के मंदिर में जाते हैं। साथ ही छात्र छात्राओं द्वारा परिभ्रमण का पैसा खा जाने का भी आरोप लगाया। साथ ही अभी तक परिभ्रमण पर नही ले जाया गया। बचों का कहना था कि कुछ दिनों पूर्व हुये दसवीं की परीक्षा के दौरान चार पांच दिनों तक नवी वर्ग की पढ़ाई नही हुई चार पांच दिन पढ़ाई बन्द थी। साथ ही छात्राओ का कहना था कि शौचालय ध्वस्त होने के कारण सभी खुले में शौच करने को मजबूर है। सबसे ज्यादा परेशानी बचियो का होता है शौचालय का बाहर जाने में। विद्यालय में एमडीएम खाने  के लिये पत्तल बाहर से खरीदना पड़ता है।

वहीं विद्यालय के एचएम वीरेन्द्र कुमार राम का कहना है की रजिस्ट्रेशन में 220 रुपये जमा होता है ज्यादा लिया गया था । रजिस्ट्रेशन में खर्च लगता है। विद्यालय के शिक्षक अजय कुमार राम के ही द्वारा सभी काम कंप्यूटर से करते है । बोर्ड से डेट आने से पहले से ही रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था । रजिस्ट्रेशन में ज्यादा खर्च होता है इसलिए 320 ज्यादा पैसा लिया गया।बाद में 70 रु बचों को वापस कर दिया गया। उन्होंने बताया कि विद्यालय में तीन से चार चापाकल है जो खराब है बनाया जायेगा। उन्होंने छात्रों पर आरोप लगाते हुये कहा कि गांव के बच्चें विद्यालय परिसर में क्रिकेट खेलने के लिये पिच बना लिये है कई जगह शिकायत की लेकिन कार्रवाई नही हुआ। उन्होंने बताया कि परिभ्रमण का पैसा 2017 का है जो मिडिल स्कूल के बच्चों के लिये है। उन्होंने बताया कि अनुमान पर एमडीएम बनता है और थाली प्लेट की शिकायत सही है।

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