गोपालगंज एसडीएम ने शिक्षा विभाग के स्थापना व निगरानी कोषांग को किया सील
शिक्षा विभाग में कल देर रात सदर एसडीएम वर्षा सिंह ने पहुचकर स्थापना विभाग में रखे शिक्षको के वेतन से सम्बन्धी फाइलों की जाँच की. जाँच के दौरान अनियमितता मिलने पर एसडीएम के निर्देश पर स्थापना कार्यालय और निगरानी कोषांग को सील कर दिया गया। शिक्षा विभाग पर आरोप था कि शिक्षकों के वेतन भुगतान के अवैध वसूली की जा रही है । परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने जिला प्रशासन से अवैध वसूली को लेकर शिकायत की थी ।
गोपालगंज शिक्षा विभाग हमेशा से विवादों में रहा है. यहाँ फर्जी डिग्री के आधार पर सैकड़ो शिक्षको के नियोजन की जाँच निगरानी विभाग कर रहा है. जाँच के दौरान एक माह पूर्व ही शिक्षक नियोजन से सम्बन्धी फाइल अचानक आग की भेट चढ़ गयी. जिसमे बहाली से सम्बंधित सभी दस्तावेज रहस्मय ढंग से जलकर खाक हो गए थे.
अभी यह मामला जाँच के दायरे में है. तभी शिक्षा विभाग में कल देर रात सदर एसडीएम वर्षा सिंह ने स्थापना और निगरानी कोषांग विभाग सहित इस फाइल को देखने वाले क्लर्क अजय राय के किराये के घर को भी सील कर दिया है.
आरोप है की क्लर्क अजय राय के साथ स्थापना विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर वेतन भुगतान के लिए तीन हजार से लेकर 05 हजार रूपये की वसूली करता है. जिन शिक्षको के द्वारा पैसे का भुगतान नहीं किया जाता है. उनका वेतन रोक दिया जाता है.
सदर एसडीएम वर्षा सिंह ने बताया की शिक्षा विभाग की कार्यशैली के खिलाफ अनियमितता को लेकर शिकायत मिली थी. यहाँ शिक्षको के वेतन भुगतान को लेकर पैसे की वसूली की जाती है. जिनके द्वारा घुस नहीं दिया जाता है. उनका कई माह से वेतन रोक दिया गया है. इसी आरोप की जाँच के दौरान अनियमितता को लेकर स्थापना कार्यालय और निगरानी कोषांग को सील कर दिया गया है. जिसका बाद में गहन जांच कर आगे दोषीओ के खिलाफ कारवाई की जाएगी.
दरअसल परिवर्तनकारी शिक्षक संघ ने वेतन भुगतान और एरियर भुगतान में पैसे वसूली को लेकर जिला प्रशासन को कुछ साक्ष्य उपलब्ध कराये थे. शिक्षक संघ के अध्यक्ष नीलमणि शाही ने बताया की यहाँ क्लर्क और स्थापना डीपीओ की मिली भगत से वेतनमद की राशि से एरियर का भुगतान किया जाता था. इसके आलवा प्रत्येक भुगतान के लिए तीन हजार से लेकर पांच हजार रूपये की वसूली की जाती थी. और जब पैसे का भुगतान नहीं किया जाता था. तब उनका वेतन रोक दिया जाता था. यहाँ भ्रष्टाचार चरम पर है. जिसको लेकर डीएम और एसडीएम से शिकायत की गयी थी. शिकायत करने के कुछ घंटे के अन्दर यह बड़ी कारवाई हुई है.