गोपालगंज

गोपालगंज शिक्षा विभाग की निगरानी कोषांग में लगी आग, सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक

गोपालगंज के शिक्षा विभाग में शिक्षा माफिया इस कदर हावी है की उन्होंने निगरानी की जाँच के लिए रखे गए टीईटी से संबधित हजारो फाइलों को जहा आग के हवाले कर दिया. वही शिक्षा विभाग के आला पदाधिकारी इस मामले की लीपापोती में जुट गए है. यहाँ बीती रात शिक्षा माफियाओ ने स्ट्रोंग रूम में रखे शिक्षक नियोजन की फाइलों को आग को हवाले कर दिया और इसे महज दुर्घटना साबित करने की कोशिश की गयी.

दरअसल गोपालगंज में 2013 से हजारों टीईटी पास अभियार्थियो का शिक्षक नियोजन के तहत बहाली किया गया. इस बहाली के बाद निगरानी विभाग को सुचना मिली थी की जिले में टीईटी के फर्जी सर्टिफिकेट पर हजारो अभियार्थियो का नियोजन किया गया है. निगरानी विभाग ने प्राइमरी जाँच में इसकी पुष्टि करने के बाद गोपालगंज शिक्षा विभाग को इसी सप्ताह में 2405 अभियार्थियो के सभी प्रमाण पत्र और बहाली से सम्बंधित सभी कागजात को निगरानी विभाग के निदेशालय में जमा करने का आदेश दिया. सभी शिक्षको के दस्तावेज को शिक्षा विभाग के परिसर स्थित राजकीय बुनियादी विद्द्यालय के एक कमरे को स्ट्रोंग रूम बनाकर उसमे रखा गया था. लेकिन बीती रात अचानक इस स्ट्रोंग का ताला तोड़कर शिक्षक नियोजन से जुड़े सभी फाइलों को एक जगह जमा कर उसे आग के हवाले कर दिया. आग की लपटों की वजह से बहाली से सम्बंधित सभी फाइल पूरी तरह नष्ट हो गए. जिसकी वजह से शिक्षक नियोजन से जुडी कोई भी दस्तावेज अब निगरानी विभाग को जाँच के लिए नहीं मिल पाएंगे.

गोपालगंज शिक्षा विभाग के स्थापना की डीपीओ पूनम चौधरी ने बताया की जिस कमरे में सभी दस्तावेज को रखकर सूचीबद्ध करने का कार्य किया जा रहा था. उस कमरे का ताला टुटा हुआ था और सभी फाइल आग की वजह से नष्ट हो गयी है. डीपीओ ने बताया की इसी माह की 10 तारीख को सभी 2405 नियोजन के फोल्डर को यहाँ रखा गया था. जिसे इसी सप्ताह में निदेशालय को पटना भेजना था. लेकिन अचानक आग लगने से सभी दस्तावेज जलकर ख़ाक हो गए है.

बता दे की जिले में टीईटी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर हजारो शिक्षको की बहाली हुई थी. जिसकी जांच निगरानी विभाग के द्वारा किया जा रहा है. यहाँ जो फाइल जलकर नष्ट हुई है उसमे फुलवरिया प्रखंड का 111 , कुचायकोट के 185 , मांझा के 186 , भोरे के 104 , थावे के 70 , विजयीपुर के 90 , बैकुंठपुर के 212 , हथुआ के 167 , गोपालगंज के 86 , बरौली के 160 , सिधवलिया के 96 , उचकागांव के 96 , कटेया के 72 और पंचदेवरी के 50 शिक्षको के फोल्डर रखे गये थे. इसके अलावा भोरे प्रखंड के 685 नियोजित शिक्षक का सर्टिफिकेट इस तरह कुल 2405 फोल्डर यहाँ रखे गए थे. जिसे साजिश के तहत आग के हवाले कर दिया गया.

जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश्वर प्रसाद ने बताया की इस मामले को लेकर नगर थाना में अज्ञात जके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. पुलिस मामले की छानबीन शुरू कर दी है.

अब बड़ा सवाल है की आखिर जिस कमरे में 10 अक्टूबर को सभी सम्बंधित दस्तावेज जब इकठ्ठा कर रख दिए गए थे. फिर पटना निगरानी विभाग के निदेशालय को भेजने में देरी क्यों की जा रही थी. दूसरा सवाल है की आखिर ताला जब टुटा हुआ था और कमरे में आग लगी थी तो वहा इसकी भनक स्थानीय लोगो को पहले लगी. जबकि शिक्षा विभाग के अधिकारिओ और कर्मिओ को इसकी सुचना देरी से क्यों मिली.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!