गोपालगंज

गोपालगंज का विष्णु सुगर मिल रिकॉर्ड चीनी उत्पादन के बाद भी करोडो की घाटे चल रही है

गोपालगंज में पिछले साल जहा गन्ने की बम्पर पैदावार हुई थी. वही बेहतरीन और बम्पर पैदावार के बावजूद जिले की चीनी मिले घाटे में चल रही है. वर्ष 2016 – 2017 में जिले की दो चीनी मिलो के द्वारा रिकॉर्ड चीनी का उत्पादन किया गया. लेकिन इस उत्पादन के बाद भी यहाँ की चीनी मिले करोडो रूपये की घाटे में आ गयी है.

गोपालगंज का विष्णु सुगर मिल. शहर के हरखुआ गाँव में स्थित इस मिल ने पिछले साल गन्ना पेराई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. अकेले गोपालगंज के इस चीनी मिल में करीब 05 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया था. लेकिन रिकॉर्ड चीनी उत्पादन के बाद यह चीनी मिल करोडो की घाटे में आ गयी है.

गोपालगंज विष्णु सुगर मिल के महाप्रबंधक पिएस पाणिकर के मुताबिक 17-18 पेराई सत्र में 55 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गयी थी. जिसके बाद 05 लाख 10 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया. चीनी का लागत करीब 36 सौ रूपये प्रति क्विंटल है. जबकि चीनी की कीमत 26 सौ रूपये प्रति क्विंटल हो गयी थी. जिसके बाद करीब एक हजार रूपये क्विंटल का घाटा हुआ. अब चीनी का सेल्लिंग प्राइस ३२सौ रूपये है. जिसके बाद भी 4 सौ रूपये प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है. चीनी मिल प्रबंधक के मुताबिक अगर चार सौ रूपये प्रति क्विंटल का घाटा भी जोड़ा जाए तो अकेले इस मिल को करीब 20 करोड़ रूपये कला घाटा अच्छे उत्पादन के बाद भी उठाना पड़ रहा है. मिल प्रबंधको को सरकार से सब्सिडी की उम्मीद है की अगर सरकार उन्हें सब्सिडी देती है तो घाटे से उबरने में कुछ सहूलियत हो जाएगी.

बता दे की गोपालगंज में कभी चार चीनी मिले और एक एथनोल फैक्ट्री था. लेकिन घाटे की वजह से अब सिर्फ दो ही चीनी मिले गोपालगंज में चालू हालात में है.

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