गोपालगंज में एक बार फिर बाढ़ का खतरा, बढ़ते जलस्तर के कारण नवनिर्मित सारण बाँध में कटाव हुआ तेज
गोपालगंज में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हलाकि इस बार गंडक में पानी का बहाव ज्यादा नहीं है. लेकिन गंडक के लगातार घटते बढ़ते जलस्तर की वजह से नवनिर्मित सारण बाँध में कटाव तेज हो गया है. कटाव तेज होने की वजह से बाँध की मिटटी लगातार कट रही है. जिसकी वजह से कुचायकोट के विशम्भरपुर गाँव में बने स्कूल भवन को बचाने के लिए ग्रामीण जद्दोजहद कर रहे है.
कुचायकोट के विशम्भरपुर में पिछले साल यूपी की सीमा अहिरौली दान से लेकर जादोपुर महासेतु तक कई किलोमीटर लंबा सारण बाँध का निर्माण करवाया गया था. इस बाँध के निर्माण में कई करोड़ रूपये की लागत आई थी. लेकिन करोडो रूपये खर्च होने का बावजूद इस बाँध में कई दिनों से कटाव शुरू हो गया है. यह कटाव 04.9 किलोमीटर से लेकर 05.3 किलोमीटर तक हो रहा है. करीब 400 मीटर तक हो रहे कटाव को रोकने के लिए स्थानीय ग्रामीण दिनरात श्रमदान कर रहे है.
विशम्भरपुर गाँव के राजेश देहाती का कहना है की करोडो रूपये की लागत से इस बाँध का निर्माण कराया गया था. लेकिन निर्माण के बाद ही यहाँ लगातार कटाव हो रहा है. बीती रात इस बाँध में अचानक कटाव तेज हो गया. जिसे रोकने के लिए जलसंसाधन विभाग के संवेदक के पास पर्याप्त न तो साधन थे और मजदुर. जिसकी वजह से सैकड़ो ग्रामीणों ने श्रमदान कर इस बाँध को बचाया.
गंडक दियारा संघर्ष समिति के संयोजक अनिल कुमार मांझी का आरोप है की यहाँ दिन में संवेदक सिर्फ खानापूर्ति कर पैसे का बिल बनाते है और शाम को भाग जाते है. विभाग और संवेदक की शिथिलता की वजह से ग्रामीण रातभर जग कर इस बाँध को बचाने की कवायद कर रहे है. उन्होंने कहा की अगर यह बाँध टूट जाता है तो कुचायकोट के 70 गाँव के लाखो लोग प्रभावित होंगे.
वही इस मामले में जलसंसाधन और बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता इंजिनियर मुरलीधर सिंह ने कहा की गाइड बाँध के सामानांतर नया सारण बांध बनाया गया है. जो पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने कहा की ग्रामीण हमेशा मदद करते है. उनकी टीम पूरी तरह मुस्तैद है. ग्रामीणों का आरोप सही नहीं है की संवेदक रात को भाग गए थे. उन्होंने कहा फ्लड फाइटिंग का कार्य लगातार जारी है. बाँध को बचा लिया जायेगा.