गोपालगंज में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल, एम्बुलेंस में एक्सपायर दवाओ से हो रहा है मरीजों का इलाज
गोपालगंज में स्वास्थ्य सुविधा का हाल बदहाल है. जिले में स्वास्थ्य सुविधा की यह बदहाली तब है. जब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय जिला प्रभारी मंत्री भी है. यहाँ कई अस्पतालों में एम्बुलेंस और कर्मिओ की कमी तो है ही. लेकिन सबसे बड़ी विडंबना यहाँ एम्बुलेंस में रखी गयी दवाओ का है. यहाँ एम्बुलेंस में एक्सपायर दवाओ से ही मरीजों का इलाज किया जाता है. ये है सिधवलिया प्रखंड का झझवा पकड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र. इस केंद्र का निर्माण करीब 3 करोड़ की लागत से किया गया है. यहाँ गोपालगंज स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दोपहर 2 बजे तक ओपीडी चलाया जाता है. उसके बाद यहाँ ओपीडी बंद कर दी जाती है. उसके बदले में यहाँ एम्बुलेंस को 12 घन्टे के लिए तैनात किया जाता है. ताकि किसी भी तरह की इमरजेंसी के लिए एम्बुलेंस से मरीज प्राथमिक इलाज कर सदर अस्पताल में भर्ती कराया जा सके.
दरअसल इस एम्बुलेंस के फर्स्ट ऐड बॉक्स में जो दवाइया रखी गयी थी. वह या तो एक्सपायर हो गयी थी. या फिर उन दवाओ में फंगस लग गया था. जिसे किसी हाल में उचित नहीं कहा जा सकता. साफ़ देखा जा सकता है की यहाँ फर्स्ट ऐड बॉक्स में दवाइयां रखी गयी है. इन दवाओ में पेरासिटामोल की टेबलेट एक साल पहले ही एक्सपायर हो गया है. इसके अलवा एम क्रोम सलूशन सहित अन्य इंजेक्शन सभी दवाइया कई वर्षो पहले ही एक्सपायर हो गयी है. इन्हें यहाँ मरीजो के इलाज के लिए रखा गया है.
स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मुन्ना कुंवर के मुताबिक यहाँ सीएचसी के निर्माण के बाद लगा की मरीजो को बेहतर इलाज के लिए अब कही नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन यहाँ सिर्फ एक डॉक्टर ही बैठते है. वह भी दोपहर में ही यहाँ से चले जाते है. मरीजो के लिए एम्बुलेंस यहाँ तैनात है. लेकिन उसमे भी एक्सपायर दवाइया रखी गयी है. इन्ही दवाओ से जब मरीजों का इलाज किया जायेगा तो मरीज ठीक होने के बजाये और बीमार हो जायेगा. यह घोर लापरवाही है.
वही मौके पर मौजूद एम्बुलेंस तकनीशियन के मुताबिक फर्स्ट ऐड बॉक्स में एक्सपायर दवा रखी गयी है. लेकिन इस दवा का इस्तेमाल इलाज में नहीं किया जाता है. तकनीशियन अरुण कुमार यादव के मुताबिक इस सीएचसी का एम्बुलेंस पहले ही दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गयी है. जिसके बदले उन्हें बरौली पीएचसी से एम्बुलेंस बीते 25 अप्रैल को मिला है. इसलिए एक्सपायर दवा के लिए बरौली के पदाधिकारी ही बता पाएंगे.
यहाँ झझवा पकड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज कराने पहुचे विश्वनाथ दास के मुताबिक उन्हें बीमारी के बदले सिर्फ दो ही दवा मिलती है. बाकी दवाइया उन्हें बाजार से ही खरीदनी पड़ती है.
हलाकि जब इस मुद्दे पर सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार चौधरी से संपर्क किया गया तो वे मीटिंग में होने की वजह से कार्यालय में मौजूद नहीं थे. जब सिविल सर्जन से उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गयी तो वे फोन रिसीव नहीं कर सके. जिससे उनकी प्रतिक्रिया लिया जा सके. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही मरीजो के लिए खतरा साबित हो सकता है.