गोपालगंज जिले में स्वच्छता का अलख जगाकर चंपारण रवाना हुए स्वच्छाग्रही
सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम के तहत एक सप्ताह तक जिले के विभिन्न प्रखंडों व पंचायतों में स्वच्छता का अलख जगाने के बाद सोमवार को सत्याग्रही चंपारण के लिए रवाना हो गए। जहां आज प्रधानमंत्री की मौजूदगी में भव्य कार्यक्रम होगा। गोपालगंज के डीडीसी दयानंद मिश्रा ने शहर स्थित मिंज स्टेडियम से हरी झंडी दिखाकर स्वच्छाग्रहियों के बसों को चंपारण के लिए रवाना किया।
ज्ञात हो की दूसरे राज्यों से आये स्वच्छाग्रहियों के स्वागत के लिए यहीं रिसेप्शन काउंटर के साथ नाश्ता, भोजन एवम आवासन की व्यवस्था की गयी थी। इस मौके पर डीडीसी ने कहा कि जिस तरह चंपारण सत्याग्रह की बात हम अपने बुजुर्गो से सुनते थे उसी प्रकार जब देश खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा तो लोग स्वच्छाग्रहियो को याद करेंगे ।
वर्ष 2017-18 चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष है। इस अवसर पर सौ वर्ष बाद चंपारण की धरती एक और आग्रह स्वच्छाग्रह के लिए तैयार है। पूरे देश एवं विश्व में स्वच्छता का संदेश पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने दो से 10 अप्रैल 2018 तक बिहार के चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत की है। चंपारण सत्याग्रह में पूरे देश के करीब 10 हजार स्वच्छाग्रहियों को बिहार आमंत्रित किया गया है। गोपालगंज जिला में उत्तरप्रदेश के गोरखपुर, अम्बेडकर नगर, महाराजगंज व हरदोई के 403 स्वच्छाग्रही आये थे।जिन्होंने स्थानीय स्वच्छाग्रहियों के साथ गांव-गांव जाकर स्वच्छाग्रह कर लोगों को शौचालय का निर्माण कराने एवं खुले में शौच न करने के लिए जागरूक किया है। इनका प्रयास काफी सराहनीय रहा। लोगों में काफी जागरूकता आई है। उत्तरप्रदेश से आए स्वच्छाग्रहियों ने गोपालगंज की ग्राम पंचायतों में स्थानीय स्वच्छाग्रहियों के साथ मिलकर विशेष अभियान संचालित किया।
खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व बनाए रखने के लिए समुदाय आधारित स्वच्छता नीति अपनाते हुए सामूहिक व्यवहार परिवर्तन पर मजबूती से कार्य किया। इसके लिए स्वच्छाग्रही बधाई के पात्र हैं। भारत को संपूर्ण स्वच्छ बनाने की दिशा में 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया गया। स्वच्छ भारत ग्रामीण का उद्देश्य भारत के सभी परिवार के लिए व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराया कराना जाना है और खुले में शौच मुक्त राष्ट्र बनाना है। ये एक केंद्रीय सहायता प्राप्त योजना है। जिसके अंतर्गत ग्रामीण समुदाय को व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय निर्माण एवं इसके उपयोग के लिए प्रोत्साहन, सार्वजनिक स्थलों पर समुदाय आधारित ठोस एवम तरल अपशिष्ट प्रबंधन जैसे कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जाना है।