गोपालगंज

गोपालगंज में इलाज के अभाव में नियोजित शिक्षक की हुई मौत, 6 माह से बंद था वेतन

गोपालगंज में शिक्षा विभाग की लापरवाही ने एक शिक्षक से उसकी जिंदगी छीन ली। मृतक प्रखंड में नियोजित शिक्षक के तौर पर कार्यरत थे और एक साल से गंभीर बीमारी का शिकार थे। पैसे के अभाव में उनका सही इलाज नहीं हो रहा था और इलाज के अभाव में ही उनकी मौत हो गयी। वहीं, मौत से गुस्साए शिक्षक संघ ने मौत के लिए गोपालगंज शिक्षा विभाग और बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

मृतक शिक्षक का नाम मदन पासवान था। मदन पासवान बरौली के बतरदेह निवासी दीनानाथ मांझी के बेटे थे। वे बरौली प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सरफरा बालक में शिक्षक थे। मानदेय नहीं मिलने से पीड़ित शिक्षक का इलाज नहीं हो सका और उनकी मौत हो गई।

पीड़ित परिजनों के मुताबिक मदन पासवान 2005 के नियोजित शिक्षक थे। बीते कई माह से वे गंभीर बीमारी से परेशान थे। उनकी दोनों किडनी फेल हो गई थी। जिसका अक्सर डायलासिस करवाना पड़ता था। लेकिन गोपालगंज शिक्षा विभाग के द्वारा उनका बीते 6 माह से मानदेय भुगतान बाधित था। जिसकी वजह से उनका इलाज नहीं हो पाया और मदन पासवान की मौत हो गई।

पत्नी सविता देवी ने बताया कि जब तक मानदेय मिलता था तब तक इलाज़ हो रहा था। लेकिन सात माह से वेतन नहीं मिलने के कारण इलाज में कमी होने लगी । पहले कर्ज लेकर इलाज़ कराया गया । बाद में कर्ज मिलना भी मुश्किल हो गया । 6 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण पैसे के अभाव में डॉक्टर के पास नहीं जा पाए। जिसके कारण इलाज़ के अभाव में उनकी मौत हो गई। सविता पति के शव के सामने दहाड़ मारकर रोते- रोते बेहोश हो जा रही थी । होश में आने पर सविता बस एक ही बात कह रही थी कि अब बच्चों का परवरिश कौन करेगा । मेरे बच्चे तो अब अनाथ हो गए । मदन पासवान के चार पुत्री और 3 पुत्र है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!