गोपालगंज

गोपालगंज समाहरणालय में जिलाधिकारी ने लॉटरी से कराया बालू का लाइसेंस

गोपालगंज जिला समाहरणालय में डीएम ने शनिवार की दोपहर के करीब 2 बजे बच्चों के हाथो से लॉटरी कराकर बालू के निर्गमन का लाइसेंस कराया। अपने  छोटे-छोटे हाथो से बड़ो की किस्मत की पिटारा खोलते नजर आए। एक छोटा बच्चा डब्बे से निकाल रखे गए कागज को उठाता और फिर डीएम राहुल कुमार जैसे ही उसपर लिखा नाम पढ़ते वहां मौजूद लोगों में से एक व्यक्ति का चेहरा खिल उठता था। छोटे बच्चे ने उस व्यक्ति के किस्मत का पिटारा जो खोल दिया था।

ज्ञात हो की आज शनिवार को जिले की बालू दुकानों के लाइसेंस देने की प्रक्रिया चल रही थी। डीएम के अलावा डीडीसी दयानंद मिश्र, एनडीसी राजीव रंजन सिन्हा, वरीय उप समाहर्ता सह प्रभारी खनन पदाधिकारी परमानंद साह सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी के बीच लाइसेंस देने की प्रक्रिया चल रही थी। सबसे पहले सिधवलिया प्रखंड में खुलने वाली बालू दुकानों के लाइसेंस देने की कार्यवाही शुरू की गई।

सर्वप्रथम आवेदको को लाउडस्पीकर के माध्यम से कक्ष में बुलाया गया। जहाँ जिलाधिकारी ने आवेदकों को सबसे पहले नियमों के बारे में बताया । आवेदक को डीएम ने खुद नाम पुकार कर उनका परिचय प्राप्त किया। फिर कारण सहित मान्य व अमान्य आवेदन पत्रों के बारे में जानकारी दी।  और बताया कि लाइसेंस देने  की प्रक्रिया लॉटरी जे माध्यम से की जाएगी।

इसके बाद एक बच्चे की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह लॉटरी निकालेगा। या आपको यह मंजूर नहीं तो आपमें से कोई निकाल सकता है। आवेदकों ने डीएम की बात पर ही सहमति जताई और कहा कि छोटा बच्चा ही किस्मत का पिटारा खोलेगा। सहमति के बाद बच्चे ने लॉटरी निकालनी शुरू कर दी। इसी तरह से अन्य प्रखंडों के लिए भी लॉटरी निकाली गई। लाइसेंस देने की पूरी प्रक्रिया को विडियो कैमरे में भी कैद किया गया।

 डीएम ने बताया की लॉटरी से लाइसेंस तो आवेदकों के नाम हो गया, लेकिन वे अभी दुकान नहीं खोल सकेंगे। बालू कारोबार केे लाइसेंस देने की प्रक्रिया का मामला अभी कोर्ट में है। जिसके कारण लाइसेंस देने की प्रक्रिया  पूरी करने केे बाद भी वर्क ऑर्डर नहीं दिया जा सकता । कोर्ट के आदेश के बाद ही वर्क ऑर्डर की अनुमति दी जाएगी। सब कोर्ट के आदेश पर निर्भर है।

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