गोपालगंज में एचआईवी पीड़ित महिला को स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने से किया वंचित
गोपालगंज जिले में एक बहुत ही शर्मनाक वाक्या सामने आया है . एक महिला के एच आई वी पीड़ित होने पर उसे विद्यालय में बच्चो के लिए रसोइया का काम करने व मध्यान्ह भोजन बनाने से रोक दिया गया . पति से मिले इस बीमारी के साथ अपनी जिंदगी को समाज में जीने में पीडिता को विभिन्न कठिनाईयों से रु-ब-रू होना पड रहा है . डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पीडिता को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया .
आपको बता दे की पुरे भारत में एचआईवी पीड़ित के लिए जागरूकता फैलाया जा रहा है . लेकिन अभी भी कई जगह लोग इन पीडितो के साथ भेदभाव करने से बाज नही आ रहे है . गोपालगंज जिले के मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र की निवासी 28 वर्षीय दलित महिला सुशीला देवी एक सरकारी स्कूल में रसोइया के पद पर कार्यरत थी . मृत पति से मिले एचआइवी वायरस से पीड़ित होने के कारण समाज के लोगो ने इन्हें मिड डे मिल बनाने से रोक दिया है . साथ ही साथ सामाजिक रूप से बहिस्कार कर कई तरह की परेशनियो से जूझने पर मजबूर कर दिया है . महिला आज असहाय होकर ठोकर खाने के लिए मजबूर हो गयी है .
जिलधिकारी ने मामले की जानकारी मिलते ही तुरंत बिहार स्टेट एड्स कण्ट्रोल सोसाइटी और विहान संस्था को इस मामले से अवगत कराया और महिला को हरसंभव मदद देने की बात कही. वहीँ जिले में एआरटी सेंटर से 2300 एचआईवी पीडितो को शामिल कर इन्हें दवा तथा काउंसलिंग उपलब्ध कराने की समुचित व्यवस्था किया गया है .
मालूम हो की सुशीला देवी सहित अन्य एचआईवी पीड़ित को सामाजिक बहिस्कार करने व भेदभाव करने की स्थिति में जुर्म साबित होने पर भारतीय दंड संहिता में कानूनी कारवाई का भी प्रावधान है. ऐसे पीडितो के साथ भेदभाव नही बल्कि प्रेम से पेश आने की आवश्यकता है .