मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर पर गिराई गाज, बिहार सरकार से की छुट्टी
बिहार में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन से बनी नई सरकार के बाद प्रशांत किशोर की छुट्टी हो गई है. उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार पद से निरस्त कर दिया गया है. बता दें कि आरजेडी और जेडीयू के गठबंधन के बाद प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के सलाहकार नियुक्त किए गए थे. यही नहीं, बिहार महागठबंधन में प्रशांत किशोर को राज्य मंत्री का दर्जा मिला था.
हालांकि, तकरीबन पिछले एक साल से प्रशांत किशोर बिहार में नहीं थे. महागठबंधन का फार्मूला तैयार करने वाले प्रशांत किशोर को हटाए जाने के पीछे नीतीश कुमार का बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने को माना जा रहा है.
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के लिए महीनों मेहनत की और नीतियां तैयार की. जिसके बाद लालू और नीतीश की जोड़ी को बड़ी जीत मिली थी.
प्रशांत की ही मेहनत थी कि एक दूसरे को फूटे आंख भी न सुहाने वाले सियासत के दो बड़े दिग्गज नीतीश और लालू एक हो गए और महागठबंधन का मंच तैयार किया गया. चुनाव में मिली धमाकेदार जीत के बाद प्रशांत राजनीतिक रणनीति के महारथी के रूप में उभर कर सामने आए. सोशल मीडिया पर उन्हें राजनीति का चाणक्य भी कहा गया.
बिहार में 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रशांत ने महागठबंधन के लिए रणनीति तैयार की. इसके तहत उन्होंने प्रचार के तरीकों से लेकर लोगों से नेताओं के संवाद की भाषा तक पर काम किया. उनकी रणनीतियों के आगे बीजेपी धाराशायी हो गई.
लालू और नीतीश के नेतृत्व वाले महागठबंधन को मिली जीत को देखते हुए प्रशांत किशोर को राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया गया. लेकिन छठी बार बिहार के सीएम पद की शपथ लेने वाले नीतीश कुमार के बीजेपी से हाथ मिलाते ही प्रशांत किशोर को बड़ा झटका लगा और उनसे मुख्यमंत्री के सलाहकार के तौर पर मिला राज्य मंत्री का दर्जा छीन लिया गया.