गोपालगंज पुलिस को मिली बड़ी सफलता, कुख्यात नक्सली चढ़ा पुलिस के हत्थे
गोपालगंज मुख्यालय डीएसपी बिभास कुमार के नेतृत्व में बैकुठंपुर थाना के आशाखैरा गांव के पास से कई मामलो में संलिप्त सीतामढ़ी के कुख्यात नक्सली मुकेश पटेल उर्फ विशाल को बैकुठंपुर थाना के आशाखैरा गांव के पास से एक देशी पिस्तौल एवं एक जिदां कारतुस के साथ गिरफतार किया गया है. बैकुठंपुर थाना के मीरा टोला गांव में 6 सितंबर 2013 में हुए नरसंहार जिसमे अपने वर्चस्व को स्थापित करने को लेकर सगे भाइयों को हाथ पैर बांध कर तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जबकि कई लोगों को गोली लगी थी एवं सतरधाट में पुल निर्माण कंपनी से लेबी वसूली जैसे कांडो में मुकेश पटेल नामजद अभियुक्त था और पुलिस को लम्बे अरसे से इसकी तलाश थी.
बताया जाता है की गोपालगंज पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली कि हार्डकोर नक्सली बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के आशा खेड़ा गांव के आसपास में अपने नक्सली संगठन को विस्तार करने हेतु गरीब एवं कमजोर वर्ग के नवयुवक को नक्सली पाठ एवं झांसा देकर सदस्य बनाया जा रहा है तथा कई नक्सली घटनाओं को भी अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. इस गुप्त सूचना के आधार पर गोपालगंज पुलिस अधीक्षक रविरंजन कुमार द्वारा गोपालगंज मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक विभाष कुमार के नेतृत्व में बैकुंठपुर थानाध्यक्ष संजय कुमार, सिधवलिया थानाध्यक्ष अरविंद कुमार यादव तथा बैकुंठपुर थाना दरोगा गौतम तिवारी तथा थाना के सशस्त्र बलों का एक विशेष टीम का गठन किया गया गठित उक्त विशेष टीम द्वारा आसूचना संकलन कर बैकुंठपुर थाना अंतर्गत आशा खेड़ी गांव के मनरेगा भवन का घेराबंदी कर छापेमारी किया गया. छापामारी के क्रम में उक्त भवन के दरवाजे के पीछे छिपे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया जो अपना नाम मुकेश पटेल उर्फ विशाल पिता-सुरेंद्र पटेल, ग्राम-सुहईगढ़, थाना-सैदपुर, जिला सीतामढ़ी बताया. मुकेश पटेल की तलाशी लिए जाने पर उसके कमर से एक लोडेड देसी कट्टा बरामद हुआ.
गिरफ्तार नक्सली मुकेश पटेल उर्फ विशाल द्वारा अपने दिए गए बयान में माना की वह नक्सली माओवादी संगठन का सक्रिय सदस्य है तथा बैकुंठपुर थाना अंतर्गत पूर्व में घटित कई घटनाओं में अपनी संलिप्ता बताते हुए छपरा जिला अंतर्गत डोरीगंज में घटित नक्सली घटनाओं में अपनी संलीप्ता स्वीकार किया.
गोपालगंज मुख्यालय पुलिस उपाधीक्षक विभाष कुमार ने बताया की मुकेश पटेल उर्फ विशाल नक्सली की गिरफ्तारी से प्रतिबंधित माओवादी संगठन का मनोबल गिरा है तथा कई नक्सली घटनाओं का उद्भेदन हुआ है साथ ही साथ पुरे क्षेत्र में आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है.