गोपालगंज

गोपालगंज सदर अस्पताल के ब्लड बैंक कर्मचारी की बेपरवाह रवैये से जा सकती थी मरीज़ की जान

गोपालगंज जिले में मरीजो की जान खून के वजह से ना जाये इसके लिए हमारे युवाओ द्वारा एक टीम बनाकर लोगो को ब्लड डोनेट किया जा रहा है पर वहीं इन सबसे बेसुध ब्लड बैंक की महिला कर्मचारी ने अपने बेपरवाही से एक मरीज की जान ले लेने में कोई कोर कसर नहीं छोडी थी. मरीज खून की खोज में डोनर को लेकर ब्लड बैंक का चक्कर लगाता रहा पर कर्मचारी ताला बंद कर आराम से अन्दर सोने का मजा लेती रही.

मामले के बारे में आपको बताये की गोपालगंज जिले के मांझागढ़ के पथरा गांव निवासी जब्बार हुसैन अपने ट्यूमर का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे थे जहाँ डॉक्टर्स ने उनकी जांच कर खून की कमी बताकर तुरंत ब्लड चढाने की मांग की. जिसके बाद परेशान परिजन खून की तलाश में इधर उधर भटकते रहे पर कोई सफलता हाथ नही लगी. लेकिन किसी से जानकारी मिलने के बाद परिजन जिले में सक्रिय BBDT टीम के पास पहुंचे. पहुँचने के बाद इसे गंभीरता से लेते हुए इस टीम ने तुरंत एक यूनिट ब्लड की व्यवस्था कर दी. लेकिन एक यूनिट से मामले का हल ना होता देख इस टीम तुरंत डोनेशन के लिए अपने एक सदस्य कोआज गुरुवार की सुबह 10 बजे  बुलाया पर जब डोनेशन के लिए वे ब्लड बैंक पहुंचे तो वहां ताला बंद मिला. घंटो इन्तजार के बाद भी जब ताला नही खुलने पर सभी एम ओ कार्यालय पहुंचे जहाँ ब्लड बैंक की महिला कर्मचारी आराम से सोती मिली और डोनेशन के बारे में एक सिरे से उसने इनकार कर दिया और कहा की दुसरे शिफ्ट में ही ब्लड डोनेशन हो पायेगा. मामले की गंभीरता को बताने पर भी महिला अपने नींद से नही जागी उसे किसी के जीने व मरने से कोई सरोकार नही था.

अस्पताल प्रशासन से इस मामले की शिकायत लेकर जाने पर पता चला की साहब अभी कार्यालय नही पहुंचे है उनके सहायक से बात करने पर उसने बताया की महिला कर्मचारी बीमार है कुछ ही देर में मै दुसरे शिफ्ट के आदमी को बुलाकर आपका डोनेशन करा देता हूँ. कुछ घंटो बाद जब डी एस पहुंचे तो उन्होंने तुरंत अपने कर्मी का बचाव करना शुरू कर दिया जिसके बाद वहां मौजूद BBDT व परिजन हल्ला हंगामा करने लगे.  मामले को शांत करने के लिए पुलिस बल को बुलाना पड़ा .

इन सबसे बेख़बर एक तरफ जहाँ एक मरीज खून की आस में अपने सांसो को गिन रहा था तो वहीं दुसरी तरफ महिला कर्मचारी अपने स्वास्थय ख़राब होने का ढोंग रच कर अपनी नींद पुरी कर रही थी. अब सवाल यह उठता है की यदि महिला कर्मचारी बीमार थी तो उसे अवकाश ले लेना चाहिए और दुसरे व्यक्ति को कार्यभार सौंप देना चाहिए पर उसने ऐसा नही किया, आखिर क्यूँ ?

जब अस्पताल के कर्मचारी ही बेपरवाह  हो जायेंगे तो मरीज बीमारी के इलाज के बिना ही मर जायेगा और इसकी जवाबदेही लेने वाला कोई नही होगा .

One thought on “गोपालगंज सदर अस्पताल के ब्लड बैंक कर्मचारी की बेपरवाह रवैये से जा सकती थी मरीज़ की जान

  • Shah Alam

    सदर अस्पताल के कुव्यवस्था को उजागर करने हेतू बिहार ब्लड डोनर टीम और पीड़ित मरीज़ के अभिभावको कि बातों को अपनी खबर बनाने के लिए समस्त BBDT परिवार के तरफ से Awaz Times को बहुत-बहुत धन्यवाद ।

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