गोपालगंज

गोपालगंज उत्पाद विभाग को मिली बड़ी सफलता, ट्रक समेत 380 कार्टून शराब जब्त, 2 गिरफ्तार

एक तरफ बिहार सरकार पुरे बिहार में पूर्णरूप से शराब बंदी को सफल बनाने में लगीं है और वहीं दूसरी तरफ शराब तस्कर दूसरे राज्यों से शराब लाकर बिहार में बेचने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में कुचायकोट थाना क्षेत्र के NH 28 जलालपुर चेकपोस्ट पर उत्पाद विभाग ने एक हरयाणा नंबर ट्रक से 380 कार्टून हरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब जप्त किया. बीते 24 घंटे में ये दूसरी बड़ी खेप है जो जलालपुर चेकपोस्ट पर जब्त की गयी है.

आपको बता दें कि देर शाम जलालपुर चेक पोस्ट पर उत्पाद विभाग अधिकारी प्रियरंजन सिंह अपने दल बल के साथ पूर्व से मिली गुप्त सुचना के आधार पर वाहन चेकिंग कर रहे थे, तभी एक हरयाणा नंबर ट्रक उनको आते दिखाई दिया. शक के आधार पर अधिकारयो ने ट्रक को रुकने का इशारा किया. ट्रक के रुकने के बाद जब ट्रक को खोल कर देखा गया तो पहले चरण में तो उसमे ऐसा लगा की जैसे कपडा धोने वाला सर्फ है, लेकिन जब उसकी गहन तलाशी ली गयी तो नतीजा चौकाने वाला था. सर्फ़ के आड़ में ट्रक से शराब की तस्करी की जा रही थी. ट्रक में करीबन चार सौ काटून हरियाणा निर्मित अग्रेजी शराब मिला. शराब और ट्रक को जब्त करते हुए ट्रक चालक एवं खलासी को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार किये गए ट्रक चालक की पहचान हरियाणा के जिंद जिला के फुलवा थाना क्षेत्र के मलिंग गाँव निवासी प्रेम सिंह का पुत्र रोहताब एवं खलासी की पहचान दरभंगा जिला के बरौली थाना क्षेत्र के श्रीगनर निवासी भुवनेश्वर यादव के पुत्र राजेश यादव के तौर पर हुई है.

आय दिन बिहार के प्रत्येक जिले से छोटी-बड़ी शराब की खेप पकड़ी जाती है जिससे साफ साफ कहा जा सकता है की बिहार सरकार की शराबबंदी कानून की भय शराब तस्करों में नहीं दिख रही है बिहार में जबसे शराबबंदी हुई है तब से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश विदेश हर जगह बिहार में पूर्ण रूप शराबबंदी कानून लागू करने की और उससे फायदे की क्रेडिट लेने में जुटे हैं लेकिन सच्चाई कुछ और है. बिहार के छोटे-बड़े हर शहर हर बाजार में शराबियों के पास होम डिलीवरी के माध्यम से शराब उपलब्ध हो जाता है. पैसा भले ही तीन गुना या चौगुना लगे शराबबंदी के बाद नितीश कुमार का एक ये भी मानना है की शराब पीने वाले बिहार में शराबबंदी के बाद से शराब पीना छोड़ दिया जिससे काफी पैसा की बचत हुई. लेकिन शायद सुशासन बाबू को यह मालूम नहीं की पैसे की बचत के जगह शराब माफियाओं द्वारा दूसरे राज्य से शराब लाकर जो होम डिलीवरी किया जाता है. उस शराब की कीमत दोगुनी नहीं 3 गुना 4 गुना हो जाता है. कहीं ना कहीं बिहार सरकार की कानून व्यवस्था शराबबंदी के मुद्दे पर विफल दिख रही है.

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