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इंटरनेशनल कोर्ट ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगाई रोक, भारत की बड़ी जीत

कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने आज(18 मई) अपना फैसला सुना दिया है। इंटरनेशनल कोर्ट जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि जब तक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय अपना आखिरी फैसला नहीं दे देती तब तक जाधव की फांसी पर रोक रहेगी। साथ ही कोर्ट ने कहा कि फैसला ना मानने की हालत में पाकिस्तान पर प्रतिबंध लग सकता है। ICJ ने इस मामले में 15 मई को भारत और पाकिस्तान दोनों की दलीलें सुनी थी।

पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे कि कार्रवाई पूरी होने तक जाधव को फांसी न हो। कोर्ट ने कहा कि पाक कोई भी कदम उठाने से पहले ICJ को जरूर सूचित करे। कोर्ट ने कहा कि भारत ने जो मानवाधिकारों के संबंध में निवेदन किया है वह हम पूरी तरह से ठीक मानते हैं। जबकि जाधव पर पाकिस्तान का दावा मायने नहीं रखता है।

ICJ ने कहा कि कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी एक विवादित मुद्दा है। पाकिस्तान का जाधव को जासूस बताने का दावा साबित नहीं होता। कोर्ट ने कहा कि दोनों देशों को पता है कि जाधव भारतीय हैं। भारत की मांग विएना संधि के तहत सही है। उसे अपने नागरिक की कानूनी मदद का अधिकार है।

भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव केस की पैरवी की थी। भारत ने इस मामले में पाकिस्तान के आरोपों को गलत बताया था और कुलभूषण जाधव की जल्द रिहाई की मांग की थी। भारत ने अपनी दलील रखते हुए मांग की थी कि जाधव की मौत की सजा को तत्काल निलंबित किया जाए।

46 वर्षीय पूर्व नौसेना अधिकारी जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में मौत की सजा सुनाई। भारत ने जाधव मामले को आठ मई को अंतरराष्ट्रीय अदालत में रखा।

भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान वियना समझौते का उल्लंघन कर रहा है और जाधव को सबूतों के बिना दोषी करार देने के लिए मुकदमा चला रहा है। पाकिस्तान ने आईसीजे में कहा कि वियना समझौते में कंसुलर संपर्क से जुड़े प्रावधान आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी जासूस के लिए नहीं है।

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