गोपालगंज के थावे-मशरक रेलखंड उद्घाटन समारोह में महागठबंधन के नेताओ को किया गया दरकिनार
गोपालगंज जिले के बहुप्रतीक्षित थावे मशरख रेलखंड का आज दिनांक 09.05.2017 दिन मंगलवार को आख़िरकार थावे-मशरक रेलखंड पर बनी बड़ी लाइन पर सवारी ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ। केन्द्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने नागपुर में स्थित डीआरएम के कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से झंडी दिखाकर पहली ट्रेन को रवाना किया। अपराह्न के 1 बजकर 15 मिनट पर थावे जंक्शन से छपरा कचहरी स्टेशन के लिए पहली ट्रेन रवाना हुई। इससे पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम ही रेलमंत्री ने नागपुर से इलेक्ट्रॉनिक बटन दबाकर थावे-छपरा रेलखंड का लोकार्पण किया। लोकार्पण व ट्रेन परिचालन के उद्घाटन के मौके पर रेलमंत्री ने वीसी के माध्यम से ही जिले के लोगों को संबोधित भी किया।
रेलवे प्रशासन द्वारा थावे जंक्शन के पास ही रेलखंड के लोकार्पण व ट्रेन परिचालन के उद्घाटन को लेकर समारोह का आयोजन किया गया था। कौशल विकास व उद्यमिता (स्वतंत्र प्रभार) केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी सहित सांसद जनक चमार ,भाजपा विधायक व जनप्रतिनिधि शामिल हुए. परन्तु इसमें कोई भी महागठबंधन का नेता मौजूद नहीं था. महागठबंधन के नेताओ व विधयाको का यह आरोप है की इससे पहले भी कई बार केंद्रीय सरकार द्वारा आयोजित समारोह में उन्हें नहीं बुलाया जाता है .जो की बहुत ही घटिया राजनीति का परिचायक है . उपेक्षा करने से कोई बड़ा नहीं आदर करने से बड़ा होता है . भारत सरकार कोड ऑफ़ कंडक्ट को भी फॉलो नहीं कर रही है .जबकि बिहार सरकार के किसी कार्यक्रम में ऐसा नहीं देखा जा सकता है . रेल मंत्रालय द्वारा इस उपेक्षा से सभी महागठबंधन नेता व कार्यकर्ता आक्रोशित है .
मंजीत सिंह पूर्व विधायक ने कहा की ” थावे मशरख आमान परिवर्तन उदघाटन समारोह में महागठबंधन विधायको व नेताओ को न्योता नहीं देना बहुत दुखद है . भाजपा द्वारा एक घटिया राजनीती की जा रही है. इन्होने आरोप लगाया की यह रेलखंड सिर्फ छपरा तक ही नहीं बल्कि पाटलिपुत्र जंक्शन तक जाना चाहिए . इसके लिए वे चरणबद्ध आन्दोलन करेंगे “ वहीँ राजद विधायक नेमतुल्लाह ने कहा की “भाजपा सोची समझी साजिश के तहत महागठबंधन के नेताओ का उपेक्षा कर रहा है . इस तरह का घटना संघीय ढांचे पर प्रहार जैसा है . हम इसका खुलकर विरोध करेंगे . उन्होंने ये भी कहा की आमान परिवर्तन का योजना महागठबंधन के नेताओ के द्वारा ही शुरू किया गया था पर आज उन्ही नेताओ की उपेक्षा की जा रही है “