गोरक्षा पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट, यूपी, गुजरात समेत 6 राज्यों को भेज नोटिस
गोरक्षा के नाम पर बढ़ रही हिंसक वारदातों का मामला अब देश की सर्वोच्च न्यायलय तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इम मामले में केंद्र सरकार और 6 राज्य सरकारों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने मोदी सरकार के साथ राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश,कर्नाटक और झारखंड सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए इन सरकारों को तीन हफ्तों का वक्त दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी।
क्या था याचिका में?
दरअसल, कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला और तहसीन पूनावाला ने एक याचिका दायर की थी। जिसमें दावा किया गया है कि गोरक्षा का दावा करने वाले ज्यादातर समूह आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। खुद पीएम भी ये बात मान चुके हैं। लेकिन फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र और राज्य सरकारें दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर उतारू इन संगठनों पर पाबंदी लगाएं। साथ ही कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि सोशल मीडिया पर इन संगठनों की ओर से पोस्ट किए जा रहे कंटेंट पर पाबंदी लगाई जाए। याचिकाकर्ता चाहते हैं कि अदालत गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गौ-हत्या के खिलाफ लागू कानूनों के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक करार दे।
याचिका में हिंसक झड़पों का जिक्र
अपनी दलीलों के समर्थन में याचिका में पिछले 2 सालों में गोरक्षा के नाम पर हुई करीब 10 हिंसक वारदातों का हवाला दिया गया है। इनमें पिछले हफ्ते अलवर में हुए कत्ल के अलावा साल 2015 के दादरी कांड और गुजरात के उना में दलितों पर हुए हमले का भी जिक्र है।