सावधान! कहीं आप भी तो प्लास्टिक का अंडा तो नही खा रहे है ?
स्टिक मनी का जमाना है. ऐसे में अगरप्लास्टिक के अंडे भी बाजार में बिकने लगे तो आप क्या करेंगे. पहले जान लीजिए कि कोलकाता की एक मां के साथ क्या हुआ.पार्क सर्कस क्षेत्र में रहने वाली अनीता एक दुकान से 12 अंडे लेकर आईं. अनीता पिछले एक महीने से अपने एक साल के बच्चे को अंडा खिला रही थी. बच्चे की तबीयत खराब देख कर अनीता ने उसे डॉक्टर को भी दिखाया. लेकिन सही डायगनोज नहीं होने की वजह से बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ.मंगलवार को अनीता ने अनीता ने देखा कि अंडे की भीतरी सतह प्लास्टिक की थी.
अनीता ने कहा, ‘मेरा बच्चा एक साल का है, डॉक्टर ने बच्चे को अंडा खिलाने के लिए कहा था, इसलिए मैं अंडे खरीद कर लाई और पिछले एक महीने से अपने बच्चे को खिला रही थी. अंडे जब खरीदे थे तो मुझे पहली नजर में कुछ अलग लगे लेकिन मैंने अधिक ध्यान नहीं दिया. कल जब मैं ऑमलेट बनानेके लिए अंडे का खोल तोड़ रही थी तो मैंनेदेखा कि इसकी भीतरी सतह प्लास्टिक की थी. अनजाने में मैं अपने बच्चे को ये हानिकारक अंडे खिलाती रही.’अनीता ने जब अंडे के ऊपरी खोल को जलाया तो इसने धुआं देते हुए वैसी ही दुर्गंध दी जैसी प्लास्टिक को जलाने पर आती है.
अनीता के मुताबिक जब भी ऐसे अंडे को तोड़ा जाता है तो उसकी पीली जर्दी सफेद वाले हिस्से में मिल जाती है. इन नकली अंडों का खोल पतला होता है.अनीता ने स्थानीय पुलिस थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है. अनीता के मुताबिकपुलिस ने कहा है कि अंडों की जांच कराने के बाद जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी वो की जाएगी. पुलिस पता लगाने की कोशिश करेगी कि ये अंडे कहां से आए.अनीता के मुताबिक बच्चों को अंडे खिलाने से पहले ये जांच लेना चाहिए कि वे असली हैं या नकली. कोलकाता के मेयर सोवन चटर्जी को जब इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए और पार्क सर्कस क्षेत्र में दुकानों पर छापे मारे गए.सोवन चटर्जी ने कहा, ‘हम पूरी तरह सतर्क हैं और इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है. दोषी दुकानदारों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे और जरूरी हुआ तो गिरफ्तारियां भी की जाएंगी. हमने बनावटी चावलों की बात तो सुनी थी. लेकिनअब नकली अंडों की सूचना आंखें खोलने वाली है.’