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वर्ल्ड स्पैरो डे : आज मनाया जाएगा विश्व गौरैया दिवस

आज विश्व गौरैया दिवस है। विश्व गौरैया दिवस पहली बार वर्ष 2010 ई. में मनाया गया था। यह दिवस प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को पूरी दुनिया में गौरैया पक्षी के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

जैसा कि आप सबको विदित है की गौरैया आजकल अपने अस्तित्व के लिए हम मनुष्यों और अपने आस पास के वातावरण से काफी जद्दोजहद कर रही है। ऐसे समय में हमें इन पक्षियों के लिए वातावरण को इनके प्रति अनुकूल बनाने में सहायता प्रदान करनी चाहिए। तभी ये हमारे बीच चह चहायेंगे। गौरैया की घटती संख्या के कुछ मुख्य कारण है – भोजन और जल की कमी, घोसलों के लिए उचित स्थानों की कमी तथा तेज़ी से कटते पेड़ – पौधे। गौरैया के बच्चों का भोजन शुरूआती दस – पन्द्रह दिनों में सिर्फ कीड़े – मकोड़े ही होते है। लेकिन आजकल हम लोग खेतों से लेकर अपने गमले के पेड़ – पौधों में भी रासायनिक पदार्थों का उपयोग करते है जिससे ना तो पौधों को कीड़े लगते है और ना ही इस पक्षी का समुचित भोजन पनप पाता है। इसलिए गौरैया समेत दुनिया भर के हजारों पक्षी हमसे रूठ चुके है और शायद वो लगभग विलुप्त हो चुके है या फिर किसी कोने में अपनी अन्तिम सांसे गिन रहे है।

हम मनुष्यों को गौरैया के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही होगा वरना यह भी मॉरीशस के डोडो पक्षी और गिद्ध की तरह पूरी तरह से विलुप्त हो जायेंगे। इसलिए हम सबको मिलकर गौरैया का संरक्षण करना चाहिए।

गौरेया पासेराडेई परिवार की सदस्य है, लेकिन कुछ लोग इसे वीवर फिंच परिवार की सदस्य मानते हैं। इनकी लम्बाई 14 से 16 सेंटीमीटर होती है तथा इनका वजन 25 से 32 ग्राम तक होता है। एक समय में इसके कम से कम तीन बच्चे होते है। गौरेया अधिकतर झुंड में ही रहती है। भोजन तलाशने के लिए गौरेया का एक झुंड अधिकतर दो मील की दूरी तय करते हैं। यह पक्षी कूड़े में भी अपना भोजन ढूंढ़ लेते है।

गौरेया आज संकटग्रस्त पक्षी है जो पूरे विश्व में तेज़ी से दुर्लभ हो रही है। दस-बीस साल पहले तक गौरेया के झुंड सार्वजनिक स्थलों पर भी देखे जा सकते थे। लेकिन खुद को परिस्थितियों के अनुकूल बना लेने वाली यह चिड़िया अब भारत ही नहीं, यूरोप के कई बड़े हिस्सों में भी काफी कम रह गई है। ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी और चेक गणराज्य जैसे देशों में इनकी संख्या जहाँ तेज़ी से गिर रही है, तो नीदरलैंड में तो इन्हें “दुर्लभ प्रजाति” के वर्ग में रखा गया है।

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