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कमलेश तिवारी को कड़ी सजा दी जाए- स्वामी चक्रपाणि

पैगंबर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी किए जाने पर कमलेश तिवारी और हिंदू महासभा के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर हिंदू महासभा ने स्पष्ट किया है कि कमलेश तिवारी का न तो हिंदू महासभा से कोई संबंध है और न ही सभा उसके बयान का समर्थन करती है। महासभा का कहना है कि कमलेश के बयान की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए हमारी मांग है कि उसे कानून के अनुरूप सख्त सजा मिले और अगर धर्मगुरु की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ कोई कानून बनता है तो हिंदू महासभा उसका समर्थन करेगी।

हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कमलेश तिवारी द्वारा पैगंबर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस व्यक्ति का महासभा से कोई लेना देना है। उसे वर्ष2008 में महासभा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष महंत नारायण ने बेतुकी बयानबाजी, अनावश्यक राजनीति और आपराधिक छवि के चलते महासभा से निकाल दिया था।

उन्होंने कहा कि भारत सभी का देश है और किसी को भी किसी धर्मगुरु की शान में गुस्ताखी और बेअदबी की अनुमति नहीं है। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने आरएसएस को बुरा कहा था जिसके जवाब में तिवारी ने पैगंबरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी की लेकिन तिवारी को आजम खान को बुरा भला कहना चाहिए था, पैगंबर की शान में गुस्ताखी करने की क्या जरूरत थी।

स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि जिस तरह से मुसलमानों द्वारा कमलेश तिवारी को मारे जाने पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया,वह भी गलत है। मैं सभी मुस्लिम नेताओं से अपील करता हूं कि वह इस तरह की घोषणाओं को वापस लें और कानून के मुताबिक लड़ाई लड़े।

पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में अभद्र टिप्पणी के विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। जमकर नारेबाजी के बाद पुतले फूंके। इसी दौरान पुलिस से कहासुनी होने पर लोगों ने पथराव किया। जवाब में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए। पिछले दिनों सहारनपुर में हिंदूवादी संगठन के कमलेश तिवारी ने अभद्र टिप्पणी की थी। इसके विरोध में सोमवार सुबह से ही शहर के मुस्लिम व्यापारियों ने दुकानें बंद कर रखीं थीं।

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