देश

शशिकला को 4 साल जेल की सज़ा, नहीं बन पाएंगी तमिलनाडु की सीएम

आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज AIADMK (अन्नाद्रमुक) महासचिव वीके शशिकला दोषी ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला नटराजन को 4 साल की सजा सुनाई है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के सामने तुरंत सरेंडर करने का आदेश भी दिया है। इस फैसले से एक बात तो साफ हो गई की पन्नीरसेल्वम ही अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बनेंगे। वहीं शशिकला को यह सजा कर्नाटक की जेल में काटनी होगी।

क्या है पूरा मामला-

बता दें कि शशिकला पर यह मामला पिछले 21 साल से चल रहा था।  1991 से 1996 तक तमिलनाडु की पूर्व दिवगंत मुख्यमंत्री जे. जयललिता पर मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान अपनी आय से ज्यादा 66 करोड़ रुपये की सम्पत्ति जमा करने का आरोप था। जयललिता पर शशिकला और अन्य दो लोगों के साथ मिलकर 32 ऐसी कंपनियां बनाने का आरोप था जिनका कोई बिजनेस ही नहीं था।

सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर किया था मुकदमा

1996 में सुब्रमण्यम स्वामी ने जयललिता के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति मामले में मुकदमा दायर किया था। जिसके बाद जयललिता को अपने सभी संपत्ति का ब्यौरा देना पड़ा था। इन कंपनियों के जरिये नीलगिरी, तिरुनेलवली में 1000-1000 एकड़ की जमीन खरीदी गई थी, वहीं जयललिता के पास 30 किलोग्राम सोना, 12 हजार साड़ियां भी पाई गई थी।

हाई कोर्ट ने कर दिया था बरी-

11 मई 2015 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। हाईकोर्ट से जयललिता और शशिकला को बड़ी राहत मिली थी लेकिन इसके बाद कर्नाटक की सरकार जयललिता की विरोधी पार्टी डीएमके और बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। वहीं कर्नाटक सरकार को इस मामले में इसलिए कूदना पड़ा  क्योंकि 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने केस को कर्नाटक हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट से पहले इस केस में ये आए थे फैसले-

इस मामले की सुनवाई 27 सितंबर 2014 को बेंगलूरु की स्पेशल कोर्ट में हुई जहां जयललिता को 4 साल की सजा सुनाई गई। इसके अलावा जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इस केस में ही शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी दोषी माना था और इन पर 10-10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया था। इस फैसले के बाद चारों को जेल भी भेजा गया था। जिसके बाद यह केस विशेष अदालत से कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!